
फिर बढ़ने लगा कोरोना का खतरा: महाराष्ट्र में 106 और केरल में 182 नए मामले, मुंबई में दो मौतें
Corona का खतरा एक बार फिर बढ़ता नजर आ रहा है। महाराष्ट्र में जहां 106 नए मामले सामने आए हैं, वहीं केरल में 182 संक्रमितों की पुष्टि हुई है। मुंबई में संक्रमण से दो लोगों की मौत भी हुई है, जिससे लोगों की चिंता फिर बढ़ने लगी है। कोरोना वायरस फिर वापसी करता हुआ नजर आ रहा है। महाराष्ट्र में जनवरी से अब तक 2 मौतें हो चुकी हैं और केरल में मई में 182 नए मामले किए गए हैं। दोनो राज्यों में हल्के लक्षण वाले मरीजों का इलाज जारी है और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
कोरोना वायरस अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। महाराष्ट्र में इस साल जनवरी से अब तक कोविड-19 से जुड़ी दो मौतें हुई हैं। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
स्वास्थ्य विभाग की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, दोनों मौतें मुंबई में हुई हैं और दोनों मरीज पहले से गंभीर बीमारियों से ग्रसित थे। जब किसी व्यक्ति को एक साथ दो या अधिक बीमारियां होती हैं, तो इस स्थिति को सह-रुग्णता (कोमोरबिडिटीज) कहा जाता है। प्रेस नोट के मुताबिक, एक मरीज को नेफ्रोटिक सिंड्रोम (किडनी संबंधी बीमारी) और हाइपोकैल्सीमिया (शरीर में कैल्शियम की कमी के कारण होने वाले दौरे) की समस्या थी, जबकि दूसरा मरीज कैंसर से पीड़ित था।
स्वास्थ्य विभाग की जानकारी के अनुसार, जनवरी से अब तक 6,066 लोगों के स्वैब सैंपल की जांच की गई है, जिनमें से 106 लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। इनमें से 101 मामले मुंबई से हैं, जबकि शेष मामले पुणे, ठाणे और कोल्हापुर से सामने आए हैं। स्वैब सैंपल वह नमूना होता है, जो डॉक्टर या स्वास्थ्यकर्मी नाक या गले से रुई की स्टिक के जरिए लेते हैं, ताकि उसमें वायरस की जांच की जा सके।
फिलहाल, 52 मरीजों का इलाज हल्के लक्षणों के साथ घर पर चल रहा है, जबकि 16 मरीज अस्पताल में भर्ती हैं। प्रेस विज्ञप्ति में यह भी बताया गया है कि सिर्फ महाराष्ट्र ही नहीं, बल्कि देश के अन्य हिस्सों और कई विदेशी देशों में भी कोरोना के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है।
केरल में कोरोना के 182 नए केस
केरल में मई महीने के दौरान अब तक 182 कोरोना संक्रमण के मामले दर्ज किए गए हैं। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने बताया कि सबसे अधिक मामले कोट्टायम जिले से सामने आए हैं (57 मामले), जबकि एर्नाकुलम में 34 और तिरुवनंतपुरम में 30 संक्रमित पाए गए हैं।
मंत्री ने कहा कि दक्षिण-पूर्व एशिया के कई देशों में कोरोना मामलों में तेजी देखी जा रही है, जिसका असर केरल पर भी पड़ सकता है। उन्होंने जनता से सतर्क रहने की अपील की। साथ ही बताया कि इन देशों में ओमिक्रॉन के JN.1, LF.7 और NB 1.8 वैरिएंट फैल रहे हैं। ये वैरिएंट तेजी से फैल सकते हैं, लेकिन इनसे होने वाली बीमारी फिलहाल गंभीर नहीं मानी जा रही है।स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि जनवरी से अब तक कुल 6,066 लोगों के ‘स्वैब सैंपल’ की जांच की गई, जिनमें से 106 लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई। इनमें से 101 मामले मुंबई से हैं, बाकी पुणे, ठाणे और कोल्हापुर से हैं। जब डॉक्टर या स्वास्थ्यकर्मी आपकी नाक या गले के अंदर से रुई की एक स्टिक (जिसे स्वैब कहते हैं) मदद से थोड़ा सा स्राव (लार) लेते हैं, तो उसे स्वैब सैंपल कहते हैं।
इस समय 52 मरीजों का उपचार हल्के लक्षणों के साथ चल रहा है, जबकि 16 मरीज अस्पताल में भर्ती हैं। विज्ञप्ति में कहा गया कि महाराष्ट्र ही नहीं, बल्कि देश के अन्य राज्यों और कई देशों में भी कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है।
केरल में कोरोना के 182 मामले
वहीं, केरल में इस मई महीने में अब तक कुल 182 कोरोना के मामले सामने आ चुके हैं। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने बुधवार को बताया कि सबसे ज्यादा मामले कोट्टायम जिले (57 मामले) से मिले हैं , जबकि एर्नाकुलम में 34 और तिरुवनंतपुरम में 30 मामले दर्ज किए गए हैं।
जॉर्ज ने कहा कि दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में कोरोना के मामलों में तेजी देखी जा रही है, इसलिए केरल में भी मामलों में बढ़ोतरी हो सकती है। इसलिए लोगों को सतर्क रहना चाहिए। उन्होंने बताया कि इन देशों में ओमिक्रॉन JN.1, LF.7 और NB 1.8 वैरिएंट फैल रहे हैं। वे जल्दी फैल सकते हैं, लेकिन बीमारी उतनी गंभीर नहीं है।
उन्होंने कहा कि जिन लोगों को जुकाम, गले में खराश, खांसी या सांस लेने में दिक्कत हो, उन्हें मास्क पहनना चाहिए। मंत्री ने यह भी कहा, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं और गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोग सार्वजनिक स्थानों पर और सफर के दौरान मास्क पहनें। अस्पतालों में मास्क पहनना अनिवार्य है। स्वास्थ्यकर्मियों को भी मास्क पहनना जरूरी है।
राज्य के सभी अस्पतालों में कोरोना के लक्षण वाले मरीजों के परीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही आरटीपीसीआर किट और अन्य सुरक्षा उपकरण उपलब्ध रखने के आदेश भी दिए गए हैं। मंत्री ने यह भी कहा कि आने वाले बरसात के मौसम को देखते हुए लोगों को डेंगू, लेप्टोस्पायरोसिस (चूहों से फैलने वाला बुखार) और पानी से फैलने वाली बीमारियों से भी सावधान रहना चाहिए।