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कांवड़ यात्रा का अंतिम चरण: रफ्तार पर श्रद्धा, 3.56 करोड़ शिवभक्त रवाना, SSP अजय सिंह ने संभाला मोर्चा

हरिद्वार से लेकर गाजियाबाद तक शिवभक्तों की रफ्तार, कुछ घंटों में तय कर रहे हैं 180 किलोमीटर का सफर। देहरादून SSP अजय सिंह ने बेहोश हुए श्रद्धालु को अस्पताल पहुंचाया।

कांवड़ मेले के आखिरी दो दिनों में शिवभक्ति और समर्पण की मिसाल देखने को मिली। उत्तराखंड के हरिद्वार और ऋषिकेश से जल लेकर लौटते हुए शिवभक्तों की संख्या ने नया रिकॉर्ड बना लिया है। 10 से 21 जुलाई तक अब तक कुल 3.56 करोड़ कांवड़िए गंगाजल लेकर अपने गंतव्यों की ओर रवाना हो चुके हैं।

रविवार शाम 6 बजे से सोमवार शाम 6 बजे तक 55 लाख श्रद्धालु हरकी पैड़ी, सुभाष घाट और भीमगोडा जैसे घाटों से जल लेकर रवाना हुए। डाक कांवड़ियों की रफ्तार और उत्साह दोनों ही अपने चरम पर नजर आए।

SSP अजय सिंह की सतर्कता बनी मिसाल

कांवड़ मेले के अंतिम चरण में देहरादून के SSP अजय सिंह खुद सड़कों पर उतरकर ड्यूटी पर नजर आए। ऋषिकेश के श्यामपुर फाटक पर ट्रेन के कारण भारी जाम लग गया था। गर्मी और भीड़ के कारण एक कांवड़ यात्री बेहोश हो गया। मौके पर पहुंचे एसएसपी अजय सिंह ने तुरंत एम्बुलेंस मंगवाई और प्राथमिक उपचार के बाद यात्री को अस्पताल भिजवाया।

100 किमी से ज्यादा दौड़ रहे हैं शिवभक्त

डाक कांवड़ यात्रा, जो इस तीर्थ यात्रा का सबसे चुनौतीपूर्ण चरण होता है, अपने जोश और जुनून के लिए पहचानी जाती है। हरिद्वार से मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़ और शामली तक की दूरी कुछ ही घंटों में तय करने का दावा कर रहे हैं शिवभक्त।

गाजियाबाद के आशीष और मोहित का कहना है कि सुबह 8 बजे जल भरकर सीधे हिंडन तक दौड़ेंगे और सात घंटे में पहुंचने का लक्ष्य है।

बागपत के टिकरी गांव से आए सुधीर कुमार ने बताया कि उनका जत्था 6 घंटे में 180 किमी दौड़कर पहुंचेगा।

मेरठ के अनुज शर्मा और कपिल त्यागी बोले — “हर कदम बाबा के नाम है, थकान को हमने भक्ति से पीछे छोड़ दिया है।”

अब तक 3 करोड़ 56 लाख 90 हजार कांवड़ यात्री जल लेकर रवाना हो चुके हैं

केवल सोमवार को 55 लाख श्रद्धालु गंगाजल लेकर लौटे

देहरादून SSP अजय सिंह ने मौके पर पहुंचकर यात्री को अस्पताल पहुंचाया

डाक कांवड़िए 180–195 किलोमीटर की दूरी कुछ ही घंटों में तय कर रहे हैं

हरिद्वार से लौटने वाले यात्रियों में इस बार विशेष उत्साह देखने को मिला है

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