
देहरादून, 4 सितंबर 2025 – उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश के चलते पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन और जमीन धंसने की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। चमोली, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, टिहरी और पौड़ी गढ़वाल जिलों के कई गांवों में मकानों में गहरी दरारें आने लगी हैं, जिससे ग्रामीणों में भारी दहशत का माहौल है।
कई ग्रामीणों ने रातोंरात अपने घर छोड़ दिए, जबकि कुछ क्षेत्रों में प्रशासन ने खुद लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा है। हालात इसलिए भी गंभीर हो गए हैं क्योंकि गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे समेत कई महत्वपूर्ण सड़क मार्ग धंस चुके हैं, जिससे आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है।
प्रदेश में 520 सड़कें बंद, 779 मशीनें राहत कार्य में जुटीं
लोक निर्माण विभाग (PWD) की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में इस समय 520 सड़कें बंद हैं, जिनमें शामिल हैं:
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5 राष्ट्रीय राजमार्ग (NH)
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27 राज्य मार्ग
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17 मुख्य जिला मार्ग
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8 अन्य जिला मार्ग
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164 ग्रामीण सड़कें
जिला-वार स्थिति (चयनित जिले):
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पौड़ी गढ़वाल: 71 सड़कें बंद
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उत्तरकाशी: 65 सड़कें
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चमोली: 53 सड़कें
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रुद्रप्रयाग: 43 सड़कें
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टिहरी: 43 सड़कें
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देहरादून: 49 सड़कें
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अल्मोड़ा: 86 सड़कें
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पिथौरागढ़: 51 सड़कें
779 मशीनों को बंद सड़कों को खोलने के काम में लगाया गया है। लोक निर्माण विभाग और बीआरओ की टीमें लगातार राहत कार्यों में जुटी हैं।
15 सितंबर से शुरू होगा “गड्ढा मुक्त सड़क अभियान”
राज्य सरकार ने बारिश के बीच 15 सितंबर से “गड्ढा मुक्त सड़क अभियान” चलाने का फैसला लिया है। PWD के प्रमुख अभियंता राजेश शर्मा ने जानकारी दी कि इसके लिए योजना तैयार कर ली गई है और 31 अक्तूबर तक सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है।
PWD सचिव पंकज पांडेय ने कहा कि बंद सड़कों को उसी दिन खोलने का लक्ष्य है, लेकिन लगातार हो रही बारिश की वजह से कार्य में बाधा आ रही है। कई स्थानों पर सड़क खुलने के बाद फिर से बारिश में बंद हो जाती है।
29 पुलों को भी नुकसान, उत्तरकाशी सबसे अधिक प्रभावित
भारी बारिश से सिर्फ सड़कें ही नहीं, पुलों को भी व्यापक नुकसान पहुंचा है। विभाग के अनुसार:
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29 पुल आंशिक या पूरी तरह क्षतिग्रस्त
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इनमें उत्तरकाशी जिले के 10 पुल सबसे ज्यादा प्रभावित
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राष्ट्रीय राजमार्ग का 1 पुल और
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प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के 18 पुल भी शामिल हैं।
प्रशासन अलर्ट पर, लेकिन हालात चुनौतीपूर्ण
प्रशासन की टीमें लगातार राहत और पुनर्वास कार्यों में लगी हैं, लेकिन लगातार हो रही बारिश और भूस्खलन की घटनाएं स्थिति को और जटिल बना रही हैं। राज्य सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे सावधानी बरतें और प्रशासन द्वारा चिन्हित सुरक्षित क्षेत्रों में ही रहें।