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सीपीआर से बचाया जा सकता है अमूल्य मानव जीवन

नारी शिल्प मंदिर विद्यालय में नागरिक सुरक्षा विभाग का पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर, छात्राओं और वार्डनों को दिया गया प्राथमिक उपचार व सीपीआर का व्यावहारिक प्रशिक्षण

देहरादून, 23 जुलाई:

नागरिक सुरक्षा विभाग (सिविल डिफेन्स) द्वारा चलाए जा रहे पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के दूसरे दिन नारी शिल्प मंदिर विद्यालय में प्राथमिक उपचार और सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) का सजीव प्रशिक्षण दिया गया। इस अवसर पर स्कूली छात्राओं के साथ-साथ सिविल डिफेन्स के 55 वार्डनों ने भी भाग लिया।

कार्यक्रम का संचालन मास्टर ट्रेनर सूर्य प्रकाश भट्ट ने किया। उन्होंने बताया कि सीपीआर एक महत्वपूर्ण जीवनरक्षक तकनीक है, जिसे यदि सही समय पर और कुशलता से किया जाए तो हृदयघात के शिकार व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि सीपीआर का सबसे असरदार समय पहले 5 से 6 मिनट होता है। इस दौरान मरीज़ को समतल ज़मीन पर लिटाकर हृदय स्थल पर कम से कम 35 बार दबाव (प्रेसर) देना अत्यंत आवश्यक होता है।

कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों को सीपीआर की थ्योरी के साथ-साथ इसका व्यावहारिक प्रशिक्षण (प्रैक्टिकल डेमो) भी दिया गया। यह प्रशिक्षण इस दृष्टि से भी महत्वपूर्ण रहा कि यह केवल आपदा की स्थिति में ही नहीं बल्कि किसी भी आकस्मिक परिस्थिति में अत्यंत उपयोगी साबित हो सकता है।

ऑक्सीजन न होने पर मुँह से साँस देने की विधि भी सिखाई गई

डॉ. अमजद अली ने छात्राओं और वार्डनों को बताया कि अगर ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध नहीं है, तो मुँह से मुँह द्वारा ऑक्सीजन देने की तकनीक (रेस्क्यू ब्रीदिंग) का उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने इसका डेमो भी प्रस्तुत किया, जिससे सभी प्रतिभागी इस विधि को सही प्रकार से समझ सकें।

तीसरे दिन मरहम-पट्टी व घायलों की देखभाल की विधियाँ सिखाई जाएंगी

मास्टर ट्रेनर ममता नागर ने जानकारी दी कि शिविर के तीसरे दिन प्रतिभागियों को घायलों को प्राथमिक उपचार देना, मरहम-पट्टी करना और रक्तस्राव रोकने जैसी तकनीकें सिखाई जाएंगी।

इस शिविर का संचालन नागरिक सुरक्षा विभाग के उपनियंत्रक एस.के. साहू के मार्गदर्शन में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज के समय में हर नागरिक को प्राथमिक चिकित्सा और सीपीआर की जानकारी होनी चाहिए, ताकि आपदाओं या आकस्मिक घटनाओं में तत्परता से मदद की जा सके।

मौजूद रहे कई गणमान्य लोग

इस अवसर पर विद्यालय की प्रधानाचार्य मोना बाली शर्मा, नीरज उनियाल, राहुल सोनकर, अमित वर्मा, कुलदीप सिंह ललकार, चंद्र मोहन अरोड़ा, तनु शर्मा, तनवीर सिंह, खुशी राम मेठानी, अंजलि न्याल और बड़ी संख्या में स्कूली छात्राएं उपस्थित रहीं।

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