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महिलाओं यौन उत्पीड़न और महिला यौन अपराधों से बचाव की जागरूकता के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया।

 

महिलाओं यौन उत्पीड़न और महिला यौन अपराधों से बचाव की जागरूकता के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया।

देहरादून। 11 दिसंबर महिला यौन उत्पीड़न और महिला यौन अपराधों से बचाव की जागरूकता अभियान की अपनी मुहिम के अंतर्गत सामाजिक संस्था फोरगिवनेस फाउंडेशन सोसाइटी ने जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला में मनोवैज्ञानिक समाजसेवी डॉ. पवन शर्मा (द साइकेडेलिक) ने बड़े रोचक और प्रायोगिक तरीके से उदाहरणों के साथ प्रतिभागियों को यौन उत्पीड़न और यौन अपराधों के बारे में जानकारी दी और बचाव के कई अनूठे और अत्यंत प्रभावी तरीकों के बारे में जानकारी दी। डॉ पवन शर्मा ने बताया कि बचपन की यौन हिंसा और पार्टनर से प्रताड़ित यौन हिंसा के मामले महिलाओं के मानसिक रोग, अवसाद, नशे की लत और आत्महत्या के खतरों से गहरे जुड़े पाए गये हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू एच ओ) ने नवंबर 2023 की अपनी रिपोर्ट में कहा था कि भारत में 15-49 वर्ष की हर पाँचवी महिला पार्टनर हिंसा का शिकार है। लैसेंट की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 23 फीसदी महिलाओं ने पार्टनर हिंसा झेली, और 30 फीसदी महिलाएँ बचपन में यौन हिंसा का सामना कर चुके हैं।

डॉ पवन शर्मा ने कहा कि रिपोर्ट में इन मामलों में भारत की स्तिथि को भी चिंताजनक बताया गया है। यह हिंसा सिर्फ सामाजिक या आपराधिक मुद्दा नहीं, बल्कि एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य का संकट है।

प्रतिभागियों ने उत्साहित हो कर जिज्ञासाओं को शांत करने के लिए कई सवाल पूछे, जिन्हें डॉ. पवन शर्मा और भूमिका भट्ट ने संतुष्टिदायक जवाबों के साथ समझाया।

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