
नैनीताल, 5 सितंबर 2025 — कुमाऊं की कुल देवी मां नंदा-सुनंदा की पौराणिक परंपरा के तहत आज नैनीताल में भव्य डोला यात्रा निकाली गई, जिसमें हजारों की संख्या में भक्तों ने हिस्सा लिया। मां नंदा-सुनंदा का इस वर्ष भी मायके से ससुराल यानी हिमालय के पवित्र स्थलों को विदाई दी गई।
परंपरा का गौरवशाली आयोजन
मां नंदा-सुनंदा की डोला यात्रा नैनीझील के पाषाण देवी मंदिर से शुरू होकर मल्लीताल, लोअर माल रोड, तल्लीताल बाजार और चीना बाबा मंदिर होते हुए पुनः नैना देवी मंदिर पहुंची। भक्तों ने जयकारों और नाच-गाकर मां को विदाई दी। भक्तिमय माहौल में बैंड-बाजों और छोलिया नृत्य दलों ने भी अपनी प्रस्तुतियाँ दीं।
पिथौरागढ़ से लखिया भूत नृत्य ने बढ़ाई शोभा
इस वर्ष के आयोजन का विशेष आकर्षण पिथौरागढ़ की सांस्कृतिक टीम द्वारा प्रस्तुत लखिया भूत नृत्य था, जिसे मां का रक्षक माना जाता है। यह नृत्य नेपाल से प्राप्त सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है और दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर गया।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
भारी जनसैलाब को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए। करीब डेढ़ सौ पुलिसकर्मी, एसडीआरएफ टीम और फायर ब्रिगेड के साथ-साथ ड्रोन निगरानी भी तैनात रही। एसपी क्राइम डॉ. जगदीश चन्द्रा ने बताया कि भीड़ को नियंत्रित रखने के लिए हर संभव कदम उठाए गए।
विसर्जन के साथ खत्म होगी परंपरा
शोभा यात्रा के बाद देर शाम नैनीझील के पास पाषाण देवी मंदिर में मां नंदा-सुनंदा की प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा, जिससे इस पारंपरिक उत्सव का समापन होगा।